***सनम ओ सनम***43 Last
सनम ओ सनम
कहाँ से आई हो तुम,,,
क्या तुम परी हो
आसमान से उतरी हो
या किसी बाग की
मीठी रसभरी हो
हर दम सोचता
रहता है मन,,,,,,
सनम ओ सनम
कहाँ से आई हो तुम,,,,
फूलों की महक हो
बुलबुल की चहक हो
भगवान का प्यार हो
या किसी देवी का अवतार हो
बार-बार ये सोच कर
सिहर उठता है मन,,,l
सनम ओ सनम
कहाँ से आई हो तुम,,,
जूही की कली हो
सब फूलों से भली हो
रात की रानी हो
हाँ, मेरी जिन्दगानी हो
अगर खो गये तुम
काँप उठेगा मेरा मन
सनम ओ सनम
कहाँ से आई हो तुम,,,,
अवतार रॅायत
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