avtar rayat
Tuesday, February 7, 2012
***चाहा तुझको***
चाहा तुझको रूह की गहराईयों के साथ,
जिन्दा हूँ अपनी यादों की तन्नहाईयों के साथ,
हमने इसीलिए नहीं रोका तुझे बिछड़ने के वक्त,
कयोंकी अपनी वफ़ा पे हमें नाज़ था सच्चाईयों के साथ...!!!
अवतार रॅायत
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