Monday, February 27, 2012

***हमें अपना हुनर मालूम है***


हम भी दरिया हैं, हमें अपना हुनर मालूम है,
जिस तरफ़ भी चल पड़ेगे, रास्ता हो जाएगा.

कितना सच्चाई से, मुझसे ज़िंदगी ने कह दिया,
तू नहीं मेरा तो कोई, दूसरा हो जाएगा.

मैं खूदा का नाम लेकर, पी रहा हूँ दोस्तो,
ज़हर भी इसमें अगर होगा, दवा हो जाएगा.

सब उसी के हैं, हवा, ख़ुश्बु, ज़मीन-आसमान,
मैं जहाँ भी जाऊँगा, उसको पता हो जाएगा...!!!

अवतार रॅायत

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