Tuesday, February 7, 2012

***तू किसी और की जागीर है***

तू किसी और की जागीर है एै जाने गज़ल
लोग तुफ़ान उठा लेंगे तू मेरे साथ ना चल

पहले हक था तेरी चाहत के चमन पर मेरा
अब मेरा प्यार तेरे प्यार का हकदार नहीं
अब किसी और के कन्धे पर है तेरा आँचल
तू किसी और की जागीर है तू मेरे साथ ना चल

मैं तेरे प्यार से घर अपना बसाऊ कैसे
मैं तेरी माँग सितारों से सजाऊ कैसे
मेरे हाथों की लकीरों में नहीं तू शायद
अपनी तकदीर बना मेरा मुक्कदर ना बदल
तू किसी और की जागीर है तू मेरे साथ ना चल

मुझे कहती हैं ये खामोश निगाहें तेरी
मेरी औकात से ऊंची है उड़ाने तेरी
मैं हार गया हूँ अपने को तेरी मौहब्बत में
अपनी जिन्दगी को सम्भाल और खुद ही सम्भल
तू किसी और की जागीर है तू मेरे साथ ना चल...!!!

अवतार रॅायत

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