Tuesday, January 31, 2012

***तेरी याद आई***

रोज़ तारों की नुमाइश में खलल पड़ता है
चाँद पागल है अन्धेरे में निकल पड़ता है
तेरी याद आई तो सांसों को बोला आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी तुझे याद करने में खलल पड़ता है

अवतार रॅायत

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