avtar rayat
Tuesday, February 15, 2011
तरसती हैं आंखें
अब तो सिर्फ आंसू ही हैं किस्मत में,
खुशी की आस कर सकूं, दिल को गवारा नहीं,
तरसती हैं आंखें अब तो देखने को रोशनी,
उन उजालों को..जिन पर हक़ हमारा नहीं...!!!
अवतार रॅायत
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