Wednesday, February 16, 2011

***क्यों याद करूं***

टूटी हूई शाखों का सहारा लेकर,
क्यों याद करूं तुझे तेरा नाम लेकर,
जिन्दा रहूं या मर जाऊं तो भी यही कहूंगा
ना तुम्हें फिर से मिलूं जनम दुबारा लेकर...!!!
अवतार रॅायत

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