तुझसे जुदा होकर..
अब नया कुछ करना है.
बिछड़ कर तुझसे..
किसी दूसरे पे मरना है
तेरी बेवफाई के जख्म
नई मोहब्बत से भरना है,
ये तजुर्बा भी हमें...
इसी जिन्दगी में करना है
हम किसी और के हो जाएं
तो फिर हैरत ना करना..
क्योकि..
तुमने जो जख्म दिए..
उनको भी अब भरना है...!!!
From:-my shayari Blog...
Avtar Rayat Avi.
अब नया कुछ करना है.
बिछड़ कर तुझसे..
किसी दूसरे पे मरना है
तेरी बेवफाई के जख्म
नई मोहब्बत से भरना है,
ये तजुर्बा भी हमें...
इसी जिन्दगी में करना है
हम किसी और के हो जाएं
तो फिर हैरत ना करना..
क्योकि..
तुमने जो जख्म दिए..
उनको भी अब भरना है...!!!
From:-my shayari Blog...
Avtar Rayat Avi.
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