Wednesday, May 4, 2011

***दिन नहीं कटते***

परछाईयों को दे के मै धोखा खाऊँ
समझ मेरे आता नहीं किधर को जाऊँ
दिन नहीं कटते मेरे तुझे कैसे बतलाऊँ
मिलन होगा कब अपना सोचता ही जाऊँ
तेरे दिल के अन्दर जगह मैं कैसे बनाऊँ
तेरे प्यार को ऐह सनम कैसे मैं पाऊँ,
भूल जाने को कहते हो वो दिल कहाँ से लाऊ,
ऐसे ना तड़फाओ कहीं मैं मर ना जाऊँ,
सजन तेरे इशारे पर वो कर दिखलाऊँ,
मरने को गर कह दो तो मर दिखलाऊँ,
फिर धरती पर जनम लेकर इस दुनियां में आऊँ
तमन्ना फिर भी येही होगी कि तुझको ही पाऊँ,
तुझसे प्यार है कितना तुझे मैं आ बतलाऊँ,
आ दिल अपना चीर तेरी तसवीर दिखाऊँ

अवतार

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