Monday, March 28, 2011

***इतनी सी इनायत ***

बस इतनी सी इनायत मुझपे एक बार कीजिये,
कभी आ के मेरे ज़ख्मों का दीदार कीजिये,
फिर हो जायें बेगाने बेशक आप शौक़ से सनम...
पर..हम आपके हैं आपके रहेंगे ऐतबार कीजिये,
ना मजबूर कीजिये हमें, के हम आपको भूल जायें,
मुझे मेरी वफाओं का न गुनेहगार कीजिये,
हमें न दिखाइए अपनी ये दौलते ये शोहरते...
हम प्यार के भूखे हैं हमे बस प्यार कीजिये...!!!
अवतार रॅायत

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