Wednesday, November 2, 2011

***क्या यही प्यार है***

ऐ दोस्त,
एक बात पुछते रहते है हम,
भगवान से फरियाद मे,
ऐसा क्या है
उनकी हर बात मे,
क्यो आती है
बार बार वो मेरी याद मे
क्या भगवान
यही वो प्यार है,
जिसको मिलने के लिये
किया हमने
इतना इन्तेजार है.
अवतार रॅायत

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